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सवाल के जवाब

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Visit Yahoo! Answers यहाँ कई प्रस्नोके उत्तर मैंने दिए हुए है । जिसमे फिलोसोफी की बाते है ।  फिलोसोफी से कई लोगो को सुग है । लेकिन बात ग़लत है । जीवन के तत्व ज्ञान का महत्त्व तब ही मालूम पड़ता है जब हम अकेले होते है । फानी दुनिया तो आनी जानी है !! मैंने मेरे पिताजी से यह बात जानी है की अध्यात्म चिंतन वक्त आने पर काममें लगता है । अध्यात्म जीवनमे एक बल प्रदान करता है । ज्योतिष शास्त्र में मन को चंद्र ,सूर्य को आत्मा और लग्न को शरीर कहा है । वस्तुतः इन तीनो में फंसे है हम ! आत्मा तो स्वयं प्रकाश है किंतु शरीर और मन पीछा नही छोड़ते ! देखने जाओ तो मन शरीर के बिना नही है इसीलिए जीवन का महत्व है ! यही चीज़ तो ध्यान लगाने में कम आती है । मन जाय  तो जाने दे मत जाने दे शरीर --इसे ध्यान में रक्खेगे तो ध्यान में मदद मिलती है !एक बार जैसे कर चलते वक्त ,पानी मे तैरते वक्त जिसको आता है उसे बार बार नही सोचना पड़ता है की अब पाव इधर  ले जाए या उधर ! अपने आप होती रहेती है प्रक्रिया !!अरे नींद में हमें मालूम भी नही होता है की यहाँ मच्छर बैठा हुआ है !!!और हाथ उसी दिशा में उठकर जैसे कह रहा है तू