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मार्च 31, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

माहिती का विस्फोट है आज

आज देखेंगे की जो भी चाहिए वो जानकारी मिलजाती है ! एक जमाना था जब लोगो को जाना पड़ता थे पुस्तकालयों में !!आज इंटरनेट टीवी ऍफ़ एम् जैसे माध्यम यु ही अवेलेबल होते जाते है ! इससे एक बात वो भी बनी है जिसको जो चाहे वो ले लेता है !! बाकि छोड़ देता है !! यह विस्फोट में कई चीज़े बिलकुल बेकार सी पड़ी रहती है इसका जवाब तो केवल समय देगा की क्या यह सही हुआ है या गलत !! लेकिन यह तो केवल एक सानुकूलता प्रदान ही है । वास्तव में ज्ञान तो वैसे ही समुद्र है । इसी लिए "ज्ञान की सीमा जैसा ज्ञानी गागर में सागर का पानी " । जैसे दुनिया भर की लाइब्रेरिया इन्टरनेट पर ट्रांसफर हो रही है बस यही माहोल है !!!कर्म है तो सिर्फ मजदुर लगे है माल को इधर से उठाकर उधर लेने में ! यही बातो ने बनाया है कई लोगो को आलसी ! वहा पड़ा है न !! कल देख लेंगे !! लेकिन याद रहे यह कल तुम्हारी आज खा जाती है !!!! मुझे कोई सुने समजे देखो मै यही कह रहा हु !!मै नहीं कहता था ये !! अब तो मानोंगे मुजमे !!यही तो सही है रास्ता !!!वगैरह ममत (मेरे मत ) में गिरे हुए बन रहे है क्या !! मैंने एक बार अगर रसायन से बच्चा पैदा हुआ तो कैसे बन सकत